रूद्रप्रयागशिक्षा

आन्दोलनरत शिक्षकों में उबाल, सरकार पर उपेक्षा का आरोप

रुद्रप्रयाग संगम में सीधी भर्ती के विरोध में शिक्षक संघ करेगा तर्पण।

रुद्रप्रयाग। राजकीय शिक्षक संघ जनपद रुद्रप्रयाग ने शिक्षा विभाग एवं राज्य सरकार के उपेक्षा पूर्ण रवैये के खिलाफ गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। संघ के अनुसार 8 अगस्त 2025 से 30 सूत्रीय न्यायोचित मांगों को लेकर शिक्षक चरणबद्ध आंदोलनरत हैं, जिनमें शत-प्रतिशत पदोन्नति, प्रधानाचार्य सीधी भर्ती का निरस्तीकरण और वार्षिक स्थानांतरण नीति प्रमुख हैं।

प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देश पर शिक्षक चौक-डाउन, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय और निदेशालय स्तर पर धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। आंदोलन को विभिन्न कार्मिक संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन विभाग और सरकार की ओर से अभी तक वार्ता का कोई प्रयास नहीं किया गया है।

जिला अध्यक्ष आलोक रौथाण ने कहा कि छात्रहित को ध्यान में रखते हुए कक्षा शिक्षण जारी है, लेकिन कक्षा शिक्षण के अतिरिक्त सभी कार्यों का बहिष्कार किया जा रहा है।

उन्होंने घोषणा की कि 14 अगस्त 2025 को रुद्रप्रयाग संगम पर “प्रधानाचार्य सीधी भर्ती तर्पण” कार्यक्रम आयोजित होगा, जबकि 17 अगस्त को राज्यभर के शिक्षक सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे।

जिला मंत्री शंकर भट्ट ने बताया कि वर्तमान में मात्र 5 प्रतिशत विद्यालयों में प्रधानाचार्य कार्यरत हैं, बाकी विद्यालयों में प्रभारी शिक्षक जिम्मेदारी निभा रहे थे, किंतु सरकार की हठधर्मिता के विरोध में सभी प्रभारी शिक्षक अपने प्रभार त्याग चुके हैं।

संरक्षक नरेश भट्ट ने कहा कि आंदोलन को राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ, माध्यमिक शिक्षक संघ, अशासकीय शिक्षक संघ, मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन, विधायक आशा नौटियाल सहित कई संगठनों व जनप्रतिनिधियों का अपूर्व समर्थन मिल रहा है।

जिला महिला उपाध्यक्ष कुसुम भट्ट ने कहा कि आंदोलन में शिक्षिकाओं की मातृशक्ति के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका है और सभी ने तर्पण कार्यक्रम व सचिवालय घेराव हेतु कमर कस ली है।

प्रवक्ता अजय भट्ट ने चेतावनी दी कि यह आंदोलन अब शिक्षकों के मान-सम्मान और स्वाभिमान का प्रश्न बन चुका है, जिसके लिए शिक्षक आमरण अनशन तक जाने को तैयार हैं।

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