तुंगनाथ मंदिर विकास के लिए 99.04 लाख की स्वीकृति
पर्यटन सर्किट से जुड़ेंगे तुंगनाथ व नारी मंदिर, स्थानीयों को मिलेगा रोजगार

रुद्रप्रयाग।
नवीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित सिद्धपीठ श्री तुंगनाथ मंदिर और अष्ट बाराही नारी मंदिर को अब पर्यटन सर्किट से जोड़ा जाएगा। इस कार्य के लिए पर्यटन विभाग ने 99.04 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी है। निर्माण कार्यों को गढ़वाल मंडल विकास निगम के माध्यम से कराया जाएगा, जिसकी टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
पर्यटन अवस्थापना विकास के तहत होंगे ये काम:
- मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण
- मंदिर मार्ग पर स्वागत द्वार का निर्माण
- यात्री निवास के लिए दो कक्षों और शौचालय का निर्माण
- मंदिर से जुड़े चार पौराणिक जल स्रोतों (पंदेरों) का सौंदर्यीकरण
- पंदेरों तक प्राचीन पैदल मार्ग का पुनर्निर्माण
- मंदिर परिसर में विद्युत व्यवस्था और अन्य सुविधाओं का विकास
मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री और विधायक का जताया आभार
जिला मीडिया प्रभारी सतेन्द्र बर्त्वाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज और केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल का आभार जताते हुए कहा कि शासन द्वारा मंदिर के विकास को मिली मंजूरी से क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा मिलेगी। साथ ही स्थानीय लोगों को पर्यटन क्षेत्र से रोजगार भी मिलेगा।
आस्था का केंद्र है तुंगनाथ मंदिर
श्री बर्त्वाल ने बताया कि श्री तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां हर वर्ष देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु दर्शन को पहुंचते हैं। बाह्य कक्ष में विराजमान अष्ट बाराही माँ चंडिका नारी देवी भी श्रद्धालुओं की विशेष आस्था का केंद्र हैं।
स्थानीय जनता ने भी जताई खुशी
नौज्यूला मंदिर समिति नारी सतेराखाल के अध्यक्ष दीक्षराज रावत और संरक्षक जयकृत बिष्ट ने मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री और विधायक के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही जिला मीडिया प्रभारी सतेन्द्र बर्त्वाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनके लगातार प्रयासों से यह ऐतिहासिक कार्य संभव हो पाया है।