जिला पंचायत रूद्रप्रयाग अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान शुरू
निर्दलीयों के साथ सोशल मीडिया पर जारी फोटो ने कांग्रेस की बढायी चिंताएं

रूद्रप्रयाग:
त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव का रोमांच अभी खत्म भी नहीं हुआ था की जिला पंचायत अध्यक्ष के पद को लेकर सियासी खींचतान ने एक बार फिर जनता के कम हो रहे रोमांच को हवा दे दी है। रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी के नेतृत्व में विजयी भाजपा के अधिकृत जिला पंचायत सदस्यों के साथ कुछ निर्दलीयों की फोटो जैसे ही सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के फेसबुक पेज से जारी की गई, उसने एक बार फिर से राजनीति में रुचि रखने वाले लोगों के लिए चर्चा परिचर्चा हेतु मसाला तैयार कर दिया है।
गौरतलब है कि जिला पंचायत रुद्रप्रयाग की 18 सीटों में से भाजपा के पांच अधिकृत प्रत्याशी विजयी हुए हैं। ऐसे में अध्यक्ष पद की कुर्सी कब्जाने हेतु निर्दलीयों का साथ रहना भाजपा और कांग्रेस के दृष्टिकोण से बेहद जरूरी है। भारतीय जनता पार्टी ने तेजी दिखाते हुए कुछ निर्दलीयों को मुख्यमंत्री के सामने खड़ा कर अपने पक्ष को मजबूत दिखाने की कोशिश की है। जारी की गई फोटो से स्पष्ट दिख रहा है कि निर्दलीय के रूप में जीतकर आए अमित मैखण्डी, श्रीमती रितु नेगी एवं श्रीमती किरन देवी का झुकाव भाजपा खेमे की ओर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ अन्य निर्दलीयों को भी भाजपा अपने पक्ष में करने हेतु लगातार संपर्क में है।

दूसरी तरफ अगर कांग्रेस की बात की जाए तो उसने पिछले कुछ वर्षों में अपने गिरते हुए ग्राफ एवं हर स्तर के चुनावों में मिल रही असफलता के पश्चात पंचायत चुनाव में सभी जिलों से प्रदर्शन में सुधार कर एक बार फिर पंचायत से ही सही, सत्ता तक पहुंचने का ख्वाब देखना शुरू कर दिया है। लेकिन सोशल मीडिया में तैर रही इन तस्वीरों ने कांग्रेस के रणनीतिकारों के माथे पर चिंता की लकीरें निश्चित रूप से बढ़ा दी हैं। अभी तक अधिकतर निर्दलीयों को अपने खेमे का मान रही कांग्रेस के सामने भी शीघ्रता से निर्णय लेते हुए बचे हुए निर्दलीयों को अपने पक्ष में किए जाने का दबाव बढ़ गया है। ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा की बहुत जल्दी कांग्रेस खेमे से भी कुछ निर्दलीय विधायकों के साथ इसी तरह की फोटो सोशल मीडिया में आने या अन्य रणनीति का खुलासा हो सकता है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो पंचायत चुनाव निपटने के बाद गली मोहल्लों के चौक चौराहों पर जीत हार का गुणा भाग करने वालों के लिए एक बार फिर पंचायत अध्यक्षों, ब्लॉक प्रमुखों की कुर्सी का जोड़ तोड़ लगाने हेतु मसाला मिल गया है। दिलचस्प देखने वाली बात यह भी होगी कि आने वाले समय में राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों को नकार कर निर्दलीयों के ऊपर विश्वास करने वाली जनता को दगा देकर कितने निर्दलीय प्रत्याशी दोनों राष्ट्रीय पार्टियों का दामन थामते हैं।