देहरादून। गुजरात विधानसभा में रिकॉर्ड वोट प्रतिशत के साथ रिकॉर्ड सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा में खुशी की लहर है। उत्तराखण्ड भाजपा मुख्यालय में भी इस बात पर जश्न जैसा माहोल देखने को मिल रहा है। गुजरात में जीत को सीधे पीएम मोदी की जीत से जोडकर देखा जा रहा है। गुजरात के गांधीनगर में जहां जोरदार जश्न का माहौल है। गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 150 से अधिक सीटें जीत कर सत्ता पर अपना कब्जा बनाए रखने में सफल हुई है वहीं भाजपा की यह जीत इस मायने में भी बड़ी जीत मानी जा रही है क्योंकि उसने 27 साल की सत्ता विरोधी लहर को बेअसर करते हुए 50 फीसदी से भी अधिक वोट प्रतिशत के साथ यह जीत दर्ज की है इस चुनाव में काग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है उसे पहले चुनाव में मिली 77 सीटों की तुलना में मात्र 16-17 ही मिलती दिख रही हैं। आम आदमी पार्टी जो गुजरात में सरकार बनाने का दावा कर रही थी सिर्फ पांच-छ सीटों पर ही सिमटती दिख रही है।
कांग्रेस जिसे दिल्ली के एमसीडी चुनाव व गुजरात में बड़ी नाकामी का सामना करना पड़ा है उसके लिए थोड़ी राहत की खबर हिमाचल प्रदेश से आई है जहां वह पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आती दिखी। हिमाचल की 68 सदस्यीय विधान सभा में कांग्रेस के खाते में 38 से 39 सीटें आती दिख रही हैं जबकि भाजपा 25-26 सीटों पर सिमटती नजर आ रही थी। समाचार लिखे जाने तक मतगणना जारी थी। हिमाचल में आम आदमी पार्टी ने भी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे लेकिन यहां आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलने में भी नाकाम रही तथा उत्तराखंड की तरह यहां भी उसके अधिकांश प्रत्याशियों की जमानतें जप्त हो गई।
इस बीच हिमाचल से आ रही जोड़-तोड़ और विधायकों की खरीद-फरोख्त की खबरों के बीच कांग्रेस के कई बड़े नेता हिमाचल रवाना हो गए हैं। कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि भाजपा कुछ भी कर सकती है इसलिए अपने विधायकों को एकजुट रखना जरूरी है। 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में बहुमत के लिए 35 सीटें चाहिए जिससे कांग्रेस कुछ ही सीटें आगे है। भाजपा को इस चुनाव में 16-17 सीटों का नुकसान हुआ है।