उत्तरकाशी आपदा: केंद्र और राज्य सरकार ने राहत-बचाव अभियान में झोंकी पूरी ताकत
सीएम धामी पहुंचे ग्राउंड ज़ीरो, पीएम मोदी ने फोन पर ली जानकारी

उत्तरकाशी/यूके न्यूज 18। उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में भारी बारिश और भूस्खलन से उत्पन्न आपदा के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने राहत व बचाव कार्यों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। तमाम एजेंसियां— सेना, बीआरओ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व प्रशासन युद्धस्तर पर कार्य में जुटी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौसम की विषम परिस्थितियों के बावजूद बुधवार को खुद ग्राउंड ज़ीरो पर पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया और प्रभावितों से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी हालत में सहायता कार्यों में कोई ढिलाई न हो। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की प्राथमिकता हर प्रभावित व्यक्ति तक त्वरित सहायता पहुँचाने और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात कर आपदा से उत्पन्न स्थिति और राहत कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने उन्हें अवगत कराया कि लगातार हो रही बारिश के बावजूद राहत-बचाव कार्यों को पूरी तत्परता से अंजाम दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिया है।
राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से दो चिनूक और दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर उत्तराखंड भेजे हैं, जो जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर तैनात किए गए हैं। चिनूक हेलीकॉप्टरों के माध्यम से भारी मशीनरी आपदा प्रभावित इलाकों तक पहुंचाई जा रही है। सड़कों को खोलने के लिए बीआरओ के अधिकारी और 100 से अधिक मजदूर कार्य में जुटे हुए हैं, जबकि सेना के 125 और आईटीबीपी के 83 जवान राहत कार्यों में लगे हैं।
सीएम धामी ने बताया कि राहत कार्यों को गति देने के लिए दो हेलीकॉप्टरों से आवश्यक खाद्य सामग्री व अन्य राहत सामग्री धराली क्षेत्र में पहुंचाई गई है। घायलों के उपचार के लिए दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में बेड आरक्षित किए गए हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों और मनोचिकित्सकों की टीम को भी उत्तरकाशी रवाना किया गया है।
प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविरों की शुरुआत कर दी है। एनआईएम और एसडीआरएफ की टीमें लिम्चागाड में अस्थायी पुल निर्माण में जुटी हैं। साथ ही, क्षेत्र में बिजली और संचार व्यवस्था को बहाल करने के प्रयास भी युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं।
राज्य सरकार ने पहले ही तीन आईएएस अधिकारियों, दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के अधिकारियों को राहत व बचाव कार्यों के समन्वय हेतु उत्तरकाशी भेज दिया है।