उत्तराखंड

बरसात के सीजन में पहाड़ों की यात्रा से बचें: जानें क्यों है यह महत्वपूर्ण

उत्तराखंड। बरसात का मौसम जहां एक ओर राहत और ताजगी लाता है, वहीं दूसरी ओर पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने वाले लोगों के लिए कई तरह की चुनौतियाँ भी पेश करता है। विशेषज्ञों और स्थानीय प्रशासन द्वारा इस दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करने से बचने की सलाह दी जाती है। इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं:

1.भूस्खलन का खतरा: बरसात के मौसम में पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएँ आम हो जाती हैं। भारी बारिश के कारण मिट्टी ढीली हो जाती है, जिससे चट्टानें और बड़े-बड़े पत्थर खिसक सकते हैं। यह सड़क मार्गों को अवरुद्ध कर सकता है और यात्रा करने वाले लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

2. सड़कें और पुलों की स्थिति: लगातार बारिश से पहाड़ी इलाकों की सड़कें खराब हो जाती हैं। पानी भर जाने से सड़कों पर कीचड़ और गड्ढे बन जाते हैं, जिससे वाहन चलाना खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा, बरसात के कारण कई बार पुल भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिससे यात्रा का रास्ता बाधित हो सकता है।

3.बाढ़ और जलभराव: कई पहाड़ी क्षेत्रों में, बारिश के कारण नदियों और झरनों में पानी का स्तर अचानक बढ़ जाता है, जिससे बाढ़ की स्थिति बन सकती है। यह न केवल यात्रा को कठिन बनाता है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी खतरा पैदा करता है।

4.स्वास्थ्य संबंधित जोखिम: बरसात के मौसम में पहाड़ों में ठंड और नमी के कारण स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ सकती हैं। वायरल बुखार, खांसी, जुकाम और अन्य बीमारियों का खतरा इस मौसम में अधिक होता है।

5.आपातकालीन सेवाओं की पहुंच: भारी बारिश के कारण कई बार आपातकालीन सेवाओं की पहुंच में कठिनाई हो सकती है। यदि आप किसी दुर्घटना या स्वास्थ्य समस्या का सामना करते हैं, तो समय पर मदद मिलना मुश्किल हो सकता है।

सुरक्षा के लिए सुझाव:

यदि यात्रा आवश्यक है, तो मौसम का पूर्वानुमान जरूर देखें और स्थानीय प्रशासन से मार्गदर्शन लें।
– सुरक्षित और सुनिश्चित मार्गों का ही चयन करें और अनजान रास्तों पर जाने से बचें।
– वाहन की स्थिति की अच्छी तरह जांच कर लें और सभी आवश्यक सुरक्षा उपकरण साथ रखें।
– किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहें और अपने परिवार व दोस्तों को अपनी यात्रा योजना की जानकारी दें।

बरसात के मौसम में पहाड़ों की यात्रा करना रोमांचक हो सकता है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यह समय बहुत संवेदनशील होता है। इसलिए, जब तक अत्यंत आवश्यक न हो, इस मौसम में पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा से बचना ही समझदारी है।

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