रूद्रप्रयाग

ऐतिहासिक बनती जा रही है अगस्त्यमुनि की महिला रामलीला।

महर्षि अगस्त्य की तपस्थली में किया जा रहा है महिलाओं द्वारा रामलीला मंचन

(अगस्त्यमुनि): कल-कल करती अनवरत बहती मन्दाकिनी के बाम तट पर स्थित महर्षि अगस्त्य जी की पावन तपस्थली अगस्त्यमुनि में हिमालयन वीरांगना संस्था अगस्त्यमुनि के तत्वावधान में आयोजित महिलाओं द्वारा भगवान श्री राम जी की भव्य लीलाओं के मंचन के द्वितीय दिवस का शुभारम्भ जिला क्रीड़ा अधिकारी श्रीमती निर्मला पन्त जी, कार्यक्रम अध्यक्ष- श्रीमती अरुणा बेंजवाल (निवर्तमान अध्यक्ष) नगर पंचायत अगस्त्यमुनि एवं आमन्त्रित अन्य सभी अतिथियों के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर प्रभु श्रीराम जी की दिव्य आरती से हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ करती मुख्य अतिथि जिला क्रीड़ा अधिकारी

तदुपरांत कार्यक्रम का संचालन कर रही वीरांगना संस्था की अध्यक्ष श्रीमती माधुरी नेगी ने सभी अतिथियों का अभिवादन करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। लीला का प्रथम दृश्य अहिल्या तारण से प्रारम्भ होकर भगवान परशुराम जी द्वारा भगवान राम की पहचान करते हुए आरती के साथ समापन हुआ।

भगवान श्रीराम के द्वारा अहिल्या तारण के बाद विश्वामित्र के साथ राम-लक्ष्मण का जनकपुरी में प्रवेश व  मुनि विश्वामित्रजी का राम-लक्ष्मण का परिचय देना व अन्त में राम लक्ष्मण का  जनकपुरी घूमने हेतु आज्ञा लेना,  सीता सखियों सहित गौरी मन्दिर में पूजन हेतु जाना व राम-लक्ष्मण का गुरु विश्वामित्र की पूजा हेतु फूल तोड़ना, जनक दरबार में सीता का धनुष उठा कर मंच पर  रखना तथा राम लक्ष्मण विश्वामित्र का प्रवेश कर तय स्थान पर  बैठना तथा राजागणों का प्रवेश, सभी राजाओं के आने के बाद बन्दीजन द्वारा राजा के वचन को सुनाना, राजाओं का परिचय  प्राप्त कर धनुष उठाने का प्रयास करना व अन्त  में छब्बीराजा का प्रयास, सभी राजाओं का हार जाते ही रावण का प्रवेश, रावण का धनुष उठाने के लिए प्रयास करते ही पीछे से बाणासुर का प्रवेश, बाणासुर व रावण संवाद के बाद बाणासुर का जाना, आकाशवाणी सुनकर रावण का भी चले जाना, तत्पश्चात जनक का चिन्तित होना, लक्ष्मण का  क्रोधित होना, विश्वामित्र-राम संवाद, धनुष खण्डन, जय माला होना,  परशुरामजी का प्रवेश, लक्ष्मण-परशुराम संवाद व अन्त में परशुराम जी का भगवान राम को पहचानना तथा स्तुति करना।

रामलीला देखने उमड़ रही है स्थानीय लोगों की भीड़

राम-लक्ष्मण का अभिनय करने वाली दोनों बहिनों का कहना था कि हमारा सपना था कि हम भी कभी रामलीला में अभिनय करें, वीरांगना संगठन की बदौलत हमारा यह सपना साकार होने जा रहा है। दोनों बहनों का उम्मीद से बेहतर अभिनय सभी को मंत्र मुग्ध कर रहा है। सीता जी का अभिनय कर रही नेहा जी कह रही हैं कि रामलीला में अभिनय करते हुए एक नये पन का एहसास हो रहा है, अक्सर मंचों पर अपनी प्रस्तुति देने वाली नेहा जी का व्यक्तित्व भी सादगी से भरा हुआ है, नेहा जी शास्त्रीय संगीत को पसन्द करती हैं, इसलिए भी उन्हें माता सीता का अभिनय करते समय एक सुखद अनुभूति हो रही है।  रावण की पात्र का अभिनय कर रही देवेश्वरी नेगी भी कहती हैं कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं रावण जैसे किरदार का अभिनय कर पाऊँगी। लेकिन प्रभु कृपा से सब कुछ अच्छा हो रहा है।

मंचासीन मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथिगण

जनक का अभिनय कर रही कुसुम भट्ट का कहना है कि सभी बालिकाओं व महिलाओं के द्वारा उम्मीद से बेहतर अभिनय कर रही हैं ये सब राम जी की कृपा ही है। कमेटी की सचिव व परशुराम की पात्र सत्येश्वरी रौथाण का कहना है मजबूत इरादे हों तो सफलता अपने आप कदम चूम लेती है। उन्होंने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उम्मीद है कि राम की कृपा से यह अनुष्ठान सफलतापूर्वक संपन्न होगा।

अतिथियों के क्रम में श्रीमती निर्मला पन्त (क्रीड़ा अधिकारी), श्रीमती अरुणा बेंजवाल (निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष) व पूर्व कनिष्ठ प्रमुख के द्वारा अपने संबोधन में इस ऐतिहासिक कार्य की खूब प्रशंसा की गई व सभी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी गईं।

धनुष खंडन करते प्रभु श्री राम

पात्रों के क्रम में अहिल्या का नेहा भट्ट, जनक का बहुमुखी प्रतिभा की धनी व आदर्श शिक्षिका कुसुम भट्ट,  सुनैना का मनीषा पुरोहित, सीता का नेहा नेगी,  सीता की सखियाँ क्रमशः अनमोल व रागिनी, गौरी का काव्य पुरोहित, विश्वामित्र का अनिता रावत, राम का शिखा, लक्ष्मण का आस्था नेगी (दोनों बहिनें), बन्दीजन का समा मलासी, छब्बि राजा का सरला भट्ट,  राजाओं के क्रम में अनिता राणा, सुशीला भण्डारी, सरिता भट्ट, रामेश्वरी बुटोला, रेणु मलासी, कमला देवशाली,अनिता चौधरी, रावण का देवेश्वरी नेगी, वाणासुर का विनीता रौतेला व परशुराम का सत्येश्वरी रौथाण ने  निभाया व सभी ने बेहतरीन अभिनय किया।  साज-सज्जा व मंच सज्जा में  भूपेन्द्र बेंजवाल, ललिता रौतेला, प्रकाश बड़वाल, रजत थपलियाल व  रखरखाव में श्रीमती सत्येश्वरी नेगी ने, हारमोनियम पर श्री बी०पी० बमोला जी, तबले पर अनिरुद्ध भट्ट तथा अमन व निर्देशन हेतु सुशील गोस्वामी व माधव नेगी द्वारा सहयोग किया गया।

सीता स्वयंवर का दृश्य

इस अवसर पर महिला रामलीला कमेटी की अध्यक्ष सावित्री देवी, अगस्त्य रामलीला कमेटी के अध्यक्ष श्री कमलेश जमलोकी, श्रीनन्द जमलोकी, श्री विक्रम सिंह नेगी जी, श्री गजेन्द्र रौतेला,  श्री हेमन्त चौकियाल, श्री गंगाराम सकलानी जी, श्री चन्द्र सिंह रावत, श्री कमल कान्त सेमवाल, श्री जीतेन्द्र रावत जी, श्री नवीन विष्ट जी, श्रीमती शाकम्बरी खत्री जी, श्रीमती सर्वेश्वरी गुसाईं जी, श्रीमती उमा कैंतुरा जी, श्री चन्द्र सिंह नेगी जी, श्री दिग्पाल सिंह नेगी जी, श्री सतीश बेंजवाल जी, श्री शशिधर सेमवाल जी, श्री उमेश चन्द्र जी, श्री बीरेन्द्र भट्ट जी, श्री पंकज पुरोहित जी, श्री सनोज गुसाईं जी सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

 

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