संस्कृत महाविद्यालयों में पठन-पाठन व्यवस्था को दुरस्त व शिक्षकों की मांग को लेकर छात्रों ने दिया ज्ञापन ।
जोशीमठ। संस्कृत महाविद्यालयों में पठन-पाठन व्यवस्था को दुरस्त व शिक्षकों की शीघ्र नियुक्ति के सन्दर्भ में संस्कृत महाविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा व अन्य पदाधिकारियों ने भा0ज0पा के वरिष्ठ नेता व निदेशक बागवानी केन्द्र सरकार दिल्ली श्री वीरेन्द्र जुयाल को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में छात्र संघ ने सस्कृत महाविद्यालयों में शीघ्र अध्यापकों की नियुक्ति की मांग की हे।साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा संस्कृत महाविद्यालयों को बंद करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है ज्ञापन में बताया गया है कि दिनाँक 16- 10-2023, 23-10-2023 के आदेश से सभी संस्कृत महाविद्यालय उत्तरमध्यमा तक वित्त स्वीकृति कर दिया गया है, सभी शिक्षकों को उत्तरमध्यमा स्तर तक बताया गया है।जिस कारण महाविद्यालयों में छात्रों को कौन पढ़ायेगा।
इसके साथ ही संस्कृत महाविद्यालयों को स्ववित्तपोषित कहकर बन्द करने का प्रयास किया जा रहा है। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि संस्कृत महाविद्यालयों में एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं है, जो शिक्षक पूर्व से महाविद्यालय के लिए 2 या 3 नियुक्त थे उनको अब उत्तरमध्यमा तक बताया जा रहा है। इस कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है छात्र हित में संस्कृत महाविद्यालयों में तत्काल शिक्षकों की नियुक्ति की जाय, नहीं तो दिनाँक 19-12-2023 से धरना प्रदर्शन एवं पुतला दहन जैसे कार्यों के लिए छात्र छात्राओं को बाध्य होना पड़ेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।