नैनीताल

अनुसूचित जाति आयोग  के उपाध्यक्ष पीसी गोरखा के कार्यकाल पूर्ण होने पर दी विदाई

नैनीताल। उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग  के उपाध्यक्ष पीसी गोरखा के तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर आयोग कार्यालय के कर्मचारियों ने विदाई समारोह आयोजित कर सम्मानित किया गया है।   इस दौरान  उपाध्यक्ष पी सी गोरखा ने कहा कि उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों व तहसील स्तर तक उन्होंने दो से अधिक जनसुनवाई व चैपाल लगाई है। अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन को बेचने से रोकने तथा एस सी एस टी मामलों में पुलिस अधिकारियों को हरहाल में मुकदमे पंजीकृत कराये जाने में सफलता हासिल की गयी है । समाज कल्याण विभाग द्वारा एस सी एस टी मामलों में तत्काल धनराशी उपलब्ध कराने को लेकर भी ठोस पहल की गयी है। पूरे उत्तराखंड में अनुसूचित जाति के लोगों का आयोग पर पूरा भरोसा रहता है ।जब कही भी कोई सुनवाई नहीं हो पाती है तो लोग आयोग की तरफ देखते हैं। आज उत्तराखंड में अनुसूचित जाति के लोगों के साथ जातिय भेदभाव जमीनों में अवैध क़ब्जे की काफी शिकायतें मिल रही रही है। यहाँ तक की सरकारी दफतरों में उत्पीडन के मामलों में भी काफी बढ़ोतरी हो रही है। नौकरी को लेकर रोस्टर प्रणाली को भी विभिन्न विभागों द्वारा लागू नही किया जा रहा है।चतुर्थ श्रेणी के पदों को सरकार द्वारा समाप्त कर एक प्रकार से अनुसूचित जाति के लोगों को नौकरी का अवसर समाप्त सा कर दिया है ।आउट सोर्स व उपनल में अनुसूचित जाति के लोगों को न के बराबर नौकरी मिल रही है। प्रदेश के कई हिस्से में लोगों को सडक से लेकर पेयजल आवास भवन वपैशन तक लाभ नहीं मिल पा रहा है ।सरकारी विभागों द्वारा पढने वाले बच्चों को छात्रवृत्तियों का अवसर तक प्रदान नहीं किया जा रहा है ।
जमीनों को लेकर अनुसूचित जाति के लोगों की जमीनों की अवैध क़ब्जों की भी गम्भीर प्रकरण देखे गए हैं ।
उपाध्यक्ष पी सी गोरखा ने आयोग के कर्मचारियों से कहा कि भले ही उनके पास निर्णय की क्षमता नहीं है किन्तु वे कार्यालय का काम तन्मयता व ईमानदारी से कर देगें तो एक नोटिस से ही गरीबों को न्याय सुलभ हो जायेगा। इस मौके पर विदाई समारोह में सचिव कविता टम्टा, विधि सलाहकार  देवसिह मनीष, पूर्व सीडीओ सी पी आर्य, दिनेश सिंह खतरी, सपना, जूही पांडे, ऋषपाल प्रकाशो, नरेश कुमार, उमेश प्रसाद दयाल चंद्र, सहित विभागीय कर्मचारी मौजूद थे।

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