देहरादूनमनोरंजनशिक्षा

लोककला व लोकसंस्कृति के ध्वजवाहक प्रो. डी. आर. पुरोहित होंगे संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित।

देहरादून। पहाड के लोकसंस्कृति के ध्वजावाहक और संरक्षक डा. डी.आर. पुरोहित को प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित होने पर प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई प्रेषित की। प्रो डी. आर. पुरोहित को लोकसंगीत और थियेटर के क्षेत्र में वर्ष 2021 का प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार दिया जायेगा।

गौरतलब है कि लोकसंस्कृति के भगीरथ डाॅ दाताराम पुरोहित नें लोक में बिलुप्ती की कगार पर पहुचं चुकी लोकसंस्कृति को विद्यार्थी के रूप में संजो कर इन्हें पूरे विश्व में पहचान दिलाई। रामकथाओं में सबसे प्राचीन भल्दा परंपरा की मुखौटा शैली- रम्माण से लेकर केदार घाटी का प्रसिद्ध चक्रव्यूह मंचन, नंदा देवी के पौराणिक लोकजागर, पांडवाणी, बगडवाली, शैलनट, रंगमंच, ढोल वादन, ढोली तक के संरक्षण और संवर्धन हेतु उनके द्वारा जो योगदान दिया गया वह यहाँ की लोकसंस्कृति के लिए किसी अमूल्यनिधि से कम नहीं है।

लोकसंस्कृति के पुरोधा डा. डीआर पुरोहित को प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार हेतु चयनित होने पर क्षेत्रीय जनता के साथ साथ लोक कला से जुड़ें असंख्य लोगो ने उन्हें विभिन्न माध्यमों से बधाई संदेश प्रेषित किये।

Related Articles