रूद्रप्रयाग

सत्रह वर्षों बाद आयोजित होगी पातबीड़ा।। तैयारियों में जुटे क्वीली, कुरझण और बडकोटी के ग्रामीण।

भगवती नंदा को मायके बुलाये जाने का उत्सव होगा आयोजित

रुद्रप्रयाग। हिमालय की ईस्ट देवी भगवती नंदा को बर्फ से लकदक हिमालय से भाद्रपद मास में मायके बुलाने की परंपरा का निर्वहन करते हुए तल्ला नागपुर के क्वीली, कुरझण और बरकोटी में तैयारियां जोरों पर है। पुरोहित वंशीय इन तीन गांवों में हालांकि प्रत्येक वर्ष भगवती नंदा को जागरों के माध्यम से गांव की महिलाओं के द्वारा मायके बुलाने, कुछ दिन मायके में घुमाने और फिर उपहार स्वरूप मौसमी सब्जी, फल, अनाज आदि देकर विदा करने की परंपरा रही है। परन्तु 12 वर्षों के पश्चात भगवती नंदा को मायके बुलाये जाने का यह उत्सव पातबीड़ा वृहद स्वरूप में मनाया जाता है।

मां नंदा देवी आयोजन स्थल और ग्राम क्वीली के बारे में जानने के लिए नीचे दिए वीडियो लिंक पर क्लिक करें। 👇👇👇

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       इस बार लगभग सत्रह सालों के लंबे अंतराल के पश्चात आयोजित हो रहे, नौ दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह है। कार्यक्रम के सफल संचालनार्थ पातबीड़ा महोत्सव आयोजन समिति ग्रामीणों के द्वारा कुछ महीने पहले गठित कर दी गई थी। अब अगस्त माह में होने वाले कार्यक्रम को लेकर आयोजन समिति की मैराथन बैठकों का दौर जारी है। इसी परिपेक्ष में नंदा देवी मंदिर प्रांगण क्वीली में तीनों गांव के ग्रामीणों ने बैठक आयोजित कर पातबीड़ा महोत्सव को दिव्य और भव्य तरीके से संपन्न करने के संबंध में गहन मंत्रणा की। पातबीडा के सफल संपादन हेतु आयोजकों के द्वारा अलग-अलग समितियां गठित कर कार्यों को बांटा गया।

   आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री मोतीराम पुरोहित जी ने बताया कि पातबीड़ा महोत्सव में तीनों गांव के प्रवासी ग्रामवासियों के साथ साथ समस्त धियांणियां और रिश्तेदार भी इस उत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं जिसे देखते हुए व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। समिति के श्री महादेव पुरोहित जी ने बताया कि पेयजल व्यवस्था, स्वास्थ्य, सड़क मार्गों को दुरुस्त रखने, गैस आपूर्ति को नियमित बनाए रखने के साथ-साथ जिला स्तर से होने वाले कार्यों हेतु जिला प्रशासन से सहयोग मांगा जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में आयोजन समिति का एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से तमाम व्यवस्थाओं को लेकर मिल चुका है जिस पर जिलाधिकारी महोदय द्वारा अलग-अलग विभागों से संबंधित व्यवस्थाओं हेतु संबंधित विभागों के मुखिया को आदेशित किया है।

    कार्यक्रम के सफल संचालनार्थ एकत्रित धनराशि का ब्यौरा कोषाध्यक्ष श्री जगदीश प्रसाद पुरोहित एवं श्री बृजमोहन पुरोहित के द्वारा बैठक में रखा गया। प्रसिद्ध रंगकर्मी और संस्कृति के पुरोधा प्रोफेसर डीआर पुरोहित के द्वारा भी कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अपने सुझाव दिए गए।

गौरतलब है कि क्वीली कुरझण और बडकोटी के ग्रामीणों द्वारा आयोजित यह महोत्सव नंदा देवी मंदिर ग्राम क्वीली में 17 अगस्त 2023 से 25 अगस्त 2023 तक आयोजित होगा। इस दौरान मुख्य आकर्षण का केंद्र डाली कौथीग होता है। मुख्य कार्यक्रम से एक दिन पहले हजारों की संख्या में ग्रामीण भगवती नंदा के पश्वा द्वारा चयनित चीड़ के वृक्ष को जंगल से लाकर मंदिर में पहुंचाते हैं और फिर अगले दिन फूल- फल, सब्जी, ककड़ी और अन्य घरेलू उत्पादों के अलावा ग्रामवासियों और धियाणियों के द्वारा भेंट स्वरूप लायी गयी चूड़ी, बिंदी आदि से डाली का श्रृंगार किया जाता है। भगवती नंदा के पश्वा पर देवी अवतरित होती है और फिर मां नन्दा 25 से 30 फुट लंबे श्रृंगार युक्त पेड़ पर चढ़कर अपने मायके क्षेत्र के दर्शन करती है। फिर उन्हीं फल फूलों को नीचे आते समय प्रसाद के रूप में उपस्थित श्रद्धालुओं को दिया जाता है। नन्दा के मायके से कैलाश गमन का यह दृश्य अत्यंत भावुक होता है।

    ग्राम कुरझण निवासी भूतपूर्व प्रधानाचार्य श्री चंद्रशेखर पुरोहित ने समस्त क्षेत्रवासियों का आह्वान करते हुए इस कार्यक्रम में सम्मिलित होकर मां नंदा का आशीर्वाद लेने की अपील की।   इस अवसर पर आयोजन समिति के संरक्षक 96 वर्षीय भू०प्र० श्री पूर्णानन्द पुरोहित, अध्यक्ष श्री मोतीराम पुरोहित, महादेव पुरोहित, कोषाध्यक्ष श्री जगदीश प्रसाद पुरोहित, बृजमोहन पुरोहित, पुजारी नन्दा देवी मंदिर कृष्ण दत्त पुरोहित, प्रोफेसर डीआर पुरोहित, श्री चंद्रशेखर पुरोहित, श्री माहेश्वर प्रसाद पुरोहित, डॉ० सुभाष चंद्र पुरोहित, ग्राम प्रधान कुरझण प्रबोद पांण्डेय, श्री शम्भू प्रसाद पुरोहित, आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी श्री पंकज पुरोहित, राकेश पुरोहित, मोहन प्रसाद पुरोहित, पुरूषोत्तम पुरोहित, पूर्व प्रधान क्वीली अरविंद पुरोहित, देवेन्द्र पुरोहित, ललिता प्रसाद पुरोहित, मगनानन्द पुरोहित, अरविंद पुरोहित, विनोद पुरोहित, अमरदेव पुरोहित, राधाकृष्ण पुरोहित, गिरीश पुरोहित, सुधाकर पुरोहित, हर्षवर्धन पुरोहित, भुवनेश्वर पुरोहित, अनिल पुरोहित, पवन पुरोहित, रमेशचंद्र पुरोहित, प्रवीण पुरोहित, यशोधर पुरोहित, सुमित पुरोहित, मोहित पुरोहित, सिद्धार्थ पुरोहित, तरुण पुरोहित, बागेश पुरोहित, संजय पुरोहित, मधुसूदन पुरोहित सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे

 

 

 

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