उत्तराखंड

उत्तराखण्ड में जल्दी ही खुलेंगे चार नर्सिंग कॉलेजः सीएम

आम बजट 2023-24 पर दी प्रतिक्रिया बजट को नए भारत की समृद्धि का संकल्प बताया अब राज्य को सालाना करीब 11,500 करोड़ रुपये का मिलेगा राजस्व

देहरादून।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आम बजट 2023-24 पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस बजट को नए भारत की समृद्धि का संकल्प बताया है। बजट को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये बजट मजबूत भारत की नींव रखेगा। भारत की गति और दिशा क्या होगी, इस बजट से तय होगा। इसके साथ ही यह बजट भारत को ग्लोबल लीडर भी बनाएगा। सीएम धामी ने आगे कहा कि भारत को लेकर दुनिया की जो अपेक्षाएं हैं, उन्हें भी यह बजट पूरा करेगा। इसके साथ ही सीएम धामी ने बताया कि बजट में हरिद्वार, रुद्रपुर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में नए नर्सिंग कॉलेज खोलने का भी प्राविधान किया गया है।
सीएम धामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा बढ़ा दिया है। इससे उत्तराखंड के राजस्व में सालाना ढाई हजार करोड़ तक का इजाफा होगा। बजट में किए गए इस ऐलान से राज्य को पांच हजार करोड़ के करीब अतिरिक्त बजट जरूरी खर्चों के लिए मिल जाएगा। उत्तराखंड को केंद्रीय करों में अंश के रूप में अभी तक सालाना करीब नौ हजार करोड़ रुपये मिलते हैं। लेकिन अब केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा बढ़ा है। केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से में की गई बढ़ोतरी के बाद अब राज्य को सालाना करीब 11,500 करोड़ रुपये राजस्व मिलेगा।
सीएम धामी ने कहा कि इस बजट से देशभर में करीब 2 लाख गरीब कैदियों को भी लाभ मिलेगा। क्योंकि जो भी गरीब लोग जेल में हैं और जुर्माने या जमानत का पैसा देने में असमर्थ हैं, उन्हें सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी। इसके साथ ही महिला सम्मान बचत पत्र योजना से महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। इस घोषणा के बाद से सरकार की काफी सराहना की जा रही है।
 सीएम धामी ने आगे कहा कि अधिकांश लोगों के लिए इस बजट में टैक्स छूट की सीमा में बदलाव किया गया है। इसमें गरीब, मध्यम और उद्यम से जुड़े लोगों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। जेलों में बंद कैदियों की रिहाई के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भी बड़ा बजट रखा गया है।सीएम धामी ने कहा कि केंद्र सरकार, इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए भी रोजगार देने पर जोर दे रही है। आदिवासी और दलित समुदाय के लोगों के लिए भी विशेष प्रावधान किया गया है। साथ ही नाले और सीवर के मेनहोल की सफाई अब मैन्युअल नहीं बल्कि मशीनों के माध्यम से की जाएगी।

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