क्राइम

राजाजी रिजर्व फॉरेस्ट में चंदन तस्करी में खानापूर्ति  ।। जंगल पर प्रहार…सिस्टम तार-तार

दो वनकर्मियों पर कार्रवाई, वन क्षेत्राधिकारी की जवाबदेही नहीं की तय

ऋषिकेश। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क में नियम के मुताबिक एक पत्ता भी बिना इजाजत नहीं उठाया जा सकता है, लेकिन इसी पार्क में चंदन के दर्जनों पेड़ों पर न सिर्फ आरी चली, बल्कि उनकी तस्करी भी कर दी गई। मामला उछला, तो बेफिक्र पार्क अधिकारी हरकत में आए। तस्करों की पहचान के लिए निदेशक ने एसडीओ प्रशांत हिंदवान की अगुवाई में जांच बैठा दी। जांच में उन्होंने पहले संबंधित पेड़ों के चंदन का होने से ही इनकार कर दिया। निदेशक सख्त हुए, तो जांच में तेजी आई और अब मामले में गौहरी रेंज के एक वन दारोगा हरपाल सिंह गुसाईं को मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। जबकि, बीट आरक्षी जगदीश सिंह को सस्पेंड किया गया है।
हैरत की बात यह है कि रेंज के मुखिया वन क्षेत्राधिकारी की चंदन तस्करी में कोई जवाबदेही पार्क प्रशासन ने तय नहीं की है। लिहाजा, ऐसे में जांच पर ही अब सवाल उठने लगे हैं। इतना ही नहीं, सवाल यह भी है कि आखिर कैसे रेंज में चंदन के पेड़ों पर आरी चलने के बावजूद वन क्षेत्राधिकारी को इसकी भनक नहीं लगी, जिससे उनकी भूमिका संदेह के घेरे में है। दिलचस्प यह भी है कि संबंधित क्षेत्र की निगरानी करने वाले वन दारोगा को महज मुख्यालय में अटैच किया गया है और बीट अधिकारी को सिर्फ सस्पेंड। जबकि, दोनों ही वनकर्मियों पर कोई सख्त कार्यवाही पार्क प्रशासन नहीं की है। चंदन तस्करी के इस मामले में अधिकारियों की मानें, तो पांच बाहरी लोगों को चिह्नित भी किया गया है।
दावा यह भी है कि चंदन के कटे पेड़ों की बरामदगी के लिए ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में कई आरा मशीनों पर छापेमारी भी की गई है। हालांकि, यहां से क्या चंदन के कटे पेड़ बरामद हुए, इसपर कोई भी अधिकारी मुंह खोलने का तैयार नहीं है। निदेशक साकेत बड़ोला ने बताया कि दो वनकर्मियों पर मामले में कार्रवाई की गई है। पांच लोग चंदन तस्करी में चिह्नित किए गए हैं, जिनके खिलाफ कार्यवाही गतिमान है। बताया कि चंदन के कटे पेड़ों की बरामदगी के लिए भरसक प्रयास जारी हैं। आरक्षित वन क्षेत्र में इस तरह की गतिविधियों की बर्दाशत नहीं किया जा सकता है। इस बाबत सभी रेंज के वन क्षेत्राधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश एक बार फिर से जारी किए गए हैं।
बताते चलें कि, गौहरी रेंज में स्वर्गाश्रम के नजदीक बाघखाला के आसपास के जंगल में अक्टूबर में चंदन के पेड़ों के कटान का यह मामला समाने आया था।  

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