सन हालो ‘Sun Halo’ जानिए क्या होती है ये अद्भुत घटना…

राजू पुशोला/ वरिष्ठ पत्रकार/छायाकार । रविवार को अचानक दून वासियों की नजरें 90 डिग्री एंगल पर जाकर टिक गई सभी एक अद्भुत नजारा देख रहे थे, दरअसल यह सभी लोग सूर्य के चारों ओर बने एक इंद्रधनुषी गोले को देख कर चकित थे। कोई इसे चमत्कारिक घटना तो कोई अपशगुन बता रहा था, लेकिन यह ना तो कोई चमत्कार है ना असाधारण घटना यह एक साधारण प्राकृतिक घटना है जो ठंडे देशों में अक्सर देखने को मिलती है हालांकि भारत में यह नजारा कम ही नजर आता है।उष्णकटिबंधीय देश होने के कारण भारत में यह दुर्लभ और अप्रत्याशित घटना है।
इस घटना को “सन हालो” (Sun Halo) या 22-डिग्री हालो कहते हैं। क्योंकि सूर्य या चंद्रमा के चारों ओर बनने वाले इस गोले की त्रिज्या लगभग 22 डिग्री होती है।
बरसात के दिनों में कभी-कभी बादल बहुत अधिक ऊंचाई पर होते हैं जहां बादलों में मौजूद बूंदें क्रिस्टल का रूप ले लेती हैं इन बादलों को सिरस क्लाउड्स कहा जाता है। यह एक प्रकाशीय घटना है जो सूर्य की किरणें के सिरस (cirrus) क्लाउड में मौजूद षट्कोण (हेक्सागोनल) आइस क्रिस्टल के माध्यम से विक्षेपित/अपवर्तित होने से होती है। इन बादलों में मौजूद लाखों छोटे बर्फ के क्रिस्टल एक गोलाकार इंद्रधनुषी रिंग का आभास देते है इसी को सन हालो कहा जाता है।