उत्तराखंड

केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर काकड़ागाड़ के समीप बोलेरो वाहन दुर्घटनाग्रस्त,

ड्राइवर समेत आठ लोग थे सवार, सभी सुरक्षित

सड़क से 50 मीटर नीचे गिरा वाहन, सभी सुरक्षित
अगस्त्यमुनि।   केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुंड व काकडागाड के बीच एक बोलेरो वाहन अनियन्त्रित होकर सड़क से 50 मीटर नीचे खाई में गिर गया। वाहन में सवार चालक सहित आठ लोगों को हल्की चोटें आई। गनीमत रही कि वाहन नदी में गिरने से बच गया और बड़ा हादसा होने से टल गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे एसडीआरएफ के जवानों ने सभी को सकुशल बचा खाई से निकाल दिया।
जानकारी के मुताबिक शनिवार दोपहर साढ़े 12 बजे केदारनाथ हाईवे पर एक वाहन सड़क से नीचे गिर गई। वाहन यदि नदी में गिरता तो यह बड़ा हादसा हो सकता था किंतु सभी लोग सुरक्षित बच गए। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ के जवानों ने तत्काल राहत एवं बचाव कार्य प्रारम्भ कर सभी घायलों को सड़क तक लाकर उन्हें 108 सेवा से सीएचसी अगस्त्यमुनि भिजवाया। यहां भी इलाज के बाद घायल यात्रियों को जिला चिकित्सालय रैफर किया गया। घटना की जानकारी वहां से गुजर रहे किसी वाहन चालक ने काकड़ागाड़ में लगे पुलिस बेरियर को दी तत्काल ही एसडीआरएफ के जवानों ने दुर्घटनास्थल पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य प्रारम्भ कर दिया। जिसमें ऊखीमठ निवासी भरत पुष्पाण ने सहयोग किया। बोलेरो में करण सिंह पुत्र बलवीर सिह उम्र 30 वर्ष निवासी घाट चमोली ( चालक ), नारायण सिंह पुत्र गोरखा उम्र 23 निवासी नेपाल हाल भीरी रुद्रप्रयाग, कुशाल सिंह चन्द्र सिंह उम्र 52 वर्ष निवासी पोखरी चमोली, शूरबीर पुत्र खजान सिंह उम्र 38 वर्ष निवासी तुनेठा मयाली रुद्रप्रयाग, रायसिंह पुत्र राम सिह उम्र 42 वर्ष निवासी धार तौन्दला रुद्रप्रयाग, दर्शन लाल पुत्र किरथू उम्र 52 वर्ष निवासी जगोठ रुद्रप्रयाग सवार थे। चालक करण सिंह को साधारण खरोंच लगी थी। उसे वहीं पर डिस्चार्ज कर दिया गया। अन्य को एसडीआरएफ व भरत पुष्पवान निवासी किमाणा ऊखीमठ ट्रेकिंग गाईड व थाना पुलिस द्वारा खाई से निकालकर उपचार हेतु अगस्त्यमुनि अस्पताल भिजवाया गया है। जहां पर चिकित्सकों द्वारा उनका प्राथमिक उपचार किया गया। सीएचसी के चिकित्सक डॉ विशाल एवं डॉ हेमा ने बताया कि सभी की हालत सामान्य है कोई गम्भीर रुप से घायल नहीं है। नारायण सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है तथा बाकी को एहतियात के तौर पर जिला अस्पताल रूद्रप्रयाग के लिए रैफर कर दिया गया है। सभी लोग केदारनाथ यात्रा पर डंडी एवं कंडी का कार्य कर रहे थे, जबकि शूरबीर सिंह निम में कार्य कर रहा है।

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