केदारपुरी के रक्षक भगवान भुकुण्ड भैरव के खुले कपाट

रुद्रप्रयाग। केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भुकुण्ड भैरव के कपाट वेद ऋचाओं व मंत्रोच्चारण के साथ खोल दिये गये है। भुकुण्ड भैरव के कपाट खुलने के पावन अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर विश्व शान्ति व समृद्धि की कामना की। भुकुण्ड भैरव को केदार पुरी का क्षेत्र रक्षक माना जाता है तथा भुकुण्ड भैरव के कपाट खुलने के बाद ही बाबा केदारनाथ के मन्दिर में सभी पूजाये विधिवत शुरू हो जाती है। भगवान केदारनाथ के कपाट बन्द होने से पूर्व भुकुण्ड भैरव के कपाट बन्द होने की परम्परा है। इतना ही नहीं भुकुण्ड भैरव के कपाट केवल मंगलवार या शनिवार को ही खोले या फिर बन्द किए जाते हैं।
भैरवनाथ मन्दिर केदारनाथ मन्दिर से आधा किमी की दूरी पर दक्षिण दिशा में स्थित है। यह मन्दिर हिन्दू देवता शिव के एक गण भगवान भैरव को समर्पित है। भैरव को भगवान शिव का ही एक रूप माना जाता है। यहां मूर्तियां बाबा भैरव की हैं जो बिना छत के स्थाूपित की गई हैं। मन्दिर के इष्टदेव को क्षेत्रपाल या क्षेत्र का संरक्षक के रूप में भी जाना जाता है। लोककथाओं के अनुसार जब सर्दियों में केदारनाथ मन्दिर बन्द कर दिया जाता है तब भैरवनाथ मन्दिर परिसर की रखवाली करते है। पुजारियों के अनुसार, हर साल मंदिर के कपाट खोले जाने से पहले मंगलवार और शनिवार को भैरवनाथ की पूजा की जाती है।